Weight Loss Tips: वजन घटाने और पेट की चर्बी को कम करने के लिए इन नुस्खों को जरूर आजमाएं

Weight Loss Tips: वजन घटाने और पेट की चर्बी को कम करने के लिए इन नुस्खों को जरूर आजमाएं

वजन कम करना आज एक शगल बन गया है। हर कोई चाहता है कि वह स्लिम ट्रिम रहे। इसके लिए व्यायाम ही पर्याप्त नहीं है, वरन खानपान पर भी ध्यान देना जरूरी है। खानपान ऐसा हो, जो हमारी वसा को कम करने में सहायक बने। Weight loss tips in Hindi
Weight Loss Tips: वजन कम करना आज एक शगल बन गया है। हर कोई चाहता है कि वह स्लिम ट्रिम रहे। इसके लिए व्यायाम ही पर्याप्त नहीं है, खानपान पर भी ध्यान देना जरूरी है। खानपान ऐसा हो, जो हमारी वसा को कम करने में सहायक बने। आइए जानें, ऐसे 20 नुस्खे, जो हर भारतीय रसोई की शान तो हैं ही, साथ ही शरीर का वजन कम रखने में सहायक होते हैं।

मूंग की दाल
 
मूंग की दाल भारतीय भोजन का एक प्रमुख हिस्सा है। मूंग की दाल में विटामिन A, B, C एवं E की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। इसमें मिनरल, कैल्सियम, आयरन एवं पोटेशियम भी खूब होता है। इसका सेवन करने से मेटाबॉलिज्म दुरूस्त रहता है एवं वजन कम करने में सहायक बनता है। यही कारण है कि डॉक्टर मरीज को मूंग की दाल का पानी देने की सलाह देते हैं।
 
अखरोट
 
अखरोट स्वाद में अच्छा एवं कम कैलेस्ट्रोल वाला होता है। इसका सेवन करते समय ध्यान रखना चाहिए कि उच्च कैलोरी का होने से इसका सेवन कम मात्रा में किया जाए।
 

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पालक
 
पालक फाइबर, पानी, एंटी ऑक्सीडेंटस, विटामिन के और विटामिन ए का एक अच्छा स्रोत है। इसमें मैग्निशयिम, पोटेशियम एवं आयरन पर्याप्त मात्रा में रहता है। वजन कम करने के साथ−साथ पालक कब्ज संबंधी समस्याओं को दूर करने में भी सहायक है।
 
करेला
 
करेला वजन कम करने के साथ−साथ ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में विशेष रूप से सहायक है। इसको सब्जी, रस, सूप के रूप में लिया जा सकता है। इसे अन्य प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों के साथ लेने से अधिक लाभ मिलता है।
 

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चुकन्दर
 
चुकन्दर का जूस कैलोरी बर्न करने में काफी सहायक है। यह एक ब्लड बिल्डिंग हर्ब है, जो खून को नया करता है। इसमें पोटेशियम, फॉलिक एसिड एवं फाइबर पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। इसकी पत्तियों से प्रोटीन, कैल्सियम, फाइबर, बीटा कैरोटीन, विटामिन A, B व C मिलते हैं। इसका जूस बनाने के लिए दो चुकन्दर, दो संतरे, पांच पीस पाइनेपल, नींबू का रस व थोड़ा पुदीना लेकर जूस बनाया जा सकता है।
 
बादाम
 
बादाम में मोनोसेच्युरेटेड फैट्स, विटामिन E, फॉलिक एसिड, प्रोटीन एवं डायटरी फाइबर पाए जाते हैं, जो वजन कम करने में और ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मददगार हैं।
 

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सेब
 
सेब वजन कम करने का सबसे श्रेष्ठ खाद्य पदार्थ है। एक सेब खाने से लंबे समय तक पेट भरा रहता है, जिससे भूख देर से लगती है एवं भोजन कम खाया जाता है। कम कैलोरी जाने से वजन घटाने में सहायता मिलती है।
 
फलियां
 
फलियां खाने से पेट देर तक भरा रहता है और वजन कम करने में सहायता मिलती है। फलियों में फाइबर, प्रोटीन एवं फैट को कम करने वाल कार्बन्स पाए जाते हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं पोषण परीक्षण सर्वे के मुताबिक फलियां खाने वाले लोगों का वजन कम बढ़ता है और उनका हृदय स्वस्थ रहता है। इनमें पाए जाने वाले फाइबर से कोलेस्ट्रोल का स्तर भी नियंत्रित रहता है।
 

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फूल गोभी
 
फूल गोभी शरीर में उपस्थित टॉक्सिक कंपाउंस से फाइट करती है। इसमें इंडोल्स, ग्लूकोसिनेलेट्स एवं थाइओसाइनेट्स काफी मात्रा में पाए जाने से शरीर के विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक होते हैं, जो वजन कम करने का काम करते हैं।
 
दालचीनी
 
केवल आधा चम्मच दालचीनी का प्रतिदिन सेवन ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है तथा रक्त संचार में वृद्धि कर शरीर को फिट रखने में सहायक बनता है। दालचीनी को पीसकर इसका उपयोग केक, चाय, कॉफी आदि में शक्कर की जगह किया जा सकता है, जिससे इसका अधिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
 

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हल्दी
 
हल्दी पाचन को दुरूस्त रखने एवं वजन को कम करने में सहायक है। हल्दी में उपस्थित करक्यूमिन नाम फिनॉल फैट्स टिश्यूज को कम करने में मदद करता है। भारतीय वैज्ञानिकों के मुताबिक यदि हल्दी का अधिक उपयोग किया जाए तो यह गैस एवं अल्सर में आराम पहुंचाती है। पेट की कई बीमारियों के निदान हेतु इससे कई औषधियां बनाई जाती हैं। घाव पर हल्दी लगाने से पर्याप्त राहत मिलती है और घाव ठीक हो जाता है।
 
मूली
 
वजन कम करने में मूली सहायक बनती है। मूली में फाइबर्स होते हैं, जो पेट को लंबे समय तक भरा रखते हैं। मूली एक स्टॉर्च वाली सब्जी है, अतः इसका उपयोग चावल, ब्रेड या अन्य स्टॉर्ची पदार्थों के साथ नहीं करना चाहिए।
 
लहसुन
 
जो लोग लहसुन का सेवन करते हैं, वे छह माह में तीस पौंड तक वजन कम कर लेते हैं। इसमें जीरो कैलोरी होती है। लहसुन में उपस्थित एलाइसिन उच्च रक्तचाप, उच्च इंसुलिन एवं ब्लड शुगर को कंट्रोल रखने में मदद करता है।
 

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पत्ता गोभी
 
पत्ता गोभी कब्ज, त्वचा समस्याओं एवं नेत्र रोगों में फायदेमंद होती है। यह रक्त को शुद्ध करती है। इसमें कम कैलोरी एवं हाई फाइबर मिलता है, जिससे वजन नियंत्रण में रहता है। इसमें विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होने से मधुमेह का खतरा टलता है।
 
मसूर दाल
 
यह हार्ट अटैक एवं ब्लड शुगर को नियंत्रित रखती है एवं वजन कम करने में सहायक होती है। मसूर दाल प्रोटीन एवं फाइबर का अच्छा स्रोत होने से पेट की चर्बी को कम करने में सहायक है।
 

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केला
 
विशेषज्ञों के अनुसार केला एक पौष्टिक आहार है, साथ ही यह वजन कम करने में सहायक है। केवल खाद्य पदार्थों के सेवन से ही वजन कम नहीं किया जा सकता, आवश्यकता है कि प्रतिदिन ली जाने वाली कैलोरी की मात्रा भी कम हो। ज्यादातर मामलों में 10 से 15 प्रतिशत कैलोरी कम करना वजन घटाने में सहायक हुआ है। केला ऊर्जा देता है। यह मिनरल, पोटेशियम व फाइबर का अच्छा स्रोत है। इसमें उपस्थित विटामिन बी−6 विद्यार्थियों को अध्ययन पर ध्यान केन्द्रित करने में मददगार होता है। इसमें उपस्थित ट्राईपटोफान तनाव घटाने एवं आयरन एनीमिया की समस्या से मुक्ति दिलाने में सहायक है। केले का सेवन करने का सबसे अच्छा समय नाश्ते में प्रातःकाल का है।
 
टमाटर
 
टमाटर का सेवन करने से शरीर में 'कॉलीसाइटोक्नीन' नामक हार्मोन्स बनता है, जो पेट और आंतों के बीच के वाल्व को टाइट रखता है। इससे ओवर इटिंग नहीं होती है। यह ऊर्जा को बढ़ाता है, मधुमेह को नियंत्रित करता है, भूख को कंट्रोल करता है एवं कैलेस्ट्रोल लेवल को कम करता है। टमाटर का सेवन कभी भी ब्रेड, पास्ता, आलू व चावल के साथ नहीं करना चाहिए। इससे एसिडिटी की समस्या हो सकती है।
 
जैतून का तेल
 
इसमें एंटी ऑक्सीडेंट एवं पॉलीफिनोलस पाए जाने से शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं, जो वजन कम करने में सहायक होते हैं। यह तेल ऑर्थराइटिस रोगियों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है।
 
अंडा
 
अंडे विटामिन्स, प्रोटीन्स एवं मिनरल का प्रमुख स्रोत होते हैं। यह न केवल ब्यूटीशन्स का मुख्य स्रोत है, बल्कि वजन कम करने में मददगार है। अंडे का सेवन जब अन्य पदार्थों के साथ किया जाता है तो शरीर में जटिल कॉर्बोहाइड्रेट्स को बनने से रोकता है। केवल अंडे का सेवन ही वजन कम करने के लिए काफी है।
 

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कॉफी
 
कॉफी में उपस्थित कैफिन हमारा मेटाबॉलिक रेट 15 प्रतिशत तक बढ़ा देता है, जिससे 30 से 50 प्रतिशत कैलोरी बर्न होती है। जो लोग दिन में तीन से चार कप कॉफी लेते हैं, उन्हें टाइप−2 डाइबिटिज का खतरा कम रहता है।
 
इस प्रकार खानपान में हम बदलाव कर अपना वजन कम कर सकते हैं और ज्यादा फिट रह सकते हैं।