सर्वाइकल की तकलीफ, हल्के में न लें, पढ़िए काम के टिप्स

सर्वाइकल की तकलीफ, हल्के में न लें, पढ़िए काम के टिप्स

गर्दन में दर्द होना, गर्दन अकड़ जाना और हिलान-डुलाने में परेशानी होना कई बार लोगों को आम समस्या है। गर्दन का यह दर्द (सर्वाइकल पैन) के लक्षण होते हैं। सर्वाइकल स्पाइन यानी गर्दन के हिस्से वाली रीढ़ की हड्डी के जोड़ों और डिस्क में समस्या होने से सर्वाइकल पैन की स्थिति बनती है। Home remedies for home cervical neck pain
Cervical Pain: गर्दन में दर्द होना, गर्दन अकड़ जाना और हिलान-डुलाने में परेशानी होना कई बार लोगों को आम समस्या लगती है। कई लोग इस दर्द के साथ लंबे समय तक जीते रहते हैं और इसे नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यह दर्द खतरनाक साबित हो सकता है। गर्दन का यह दर्द (सर्वाइकल पैन) के लक्षण होते हैं। सर्वाइकल स्पाइन यानी गर्दन के हिस्से वाली रीढ़ की हड्डी के जोड़ों और डिस्क में समस्या होने से सर्वाइकल पैन की स्थिति बनती है।

एम्स के डॉ. केएम नाधीर के अनुसार, गर्दन की हड्डी शरीर की उन हड्डियों में शामिल है, जिनका सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है। यह पूरे सिर के वजन को संभालती है। यह भी याद रखना होगा कि गर्दन बाकी रीढ़ की हड्डी की तुलना में कमजोर होती है, इसलिए भी इसकी विशेष देखभाल जरूरी है।
 
सर्वाइकल पैन के मामले बढ़ने के कारण

समय रहते इलाज न कराया जाए, तो सर्वाइकल पैन केवल गर्दन तक ही नहीं रहता है, बल्कि शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल जाता है। गर्दन में दर्द की शिकायत करने वालों की संख्या आजकल तेजी से बढ़ रही है जिसका कारण है वर्क कल्चर यानी कामकाज के आधुनिक तौर-तरीके। आज लोग घंटों कम्प्यूटर के सामने बैठते हैं, लंबे समय तक मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं जिससे यह समस्या होती है। यही नहीं मोबाइल को कान और कंधे के बीच फंसा कर बात करने लगते हैं जो कि शरीर के लिए गर्दन के इस्तेमाल का सही तरीका नहीं है। लोग अपनी गर्दन को असुविधाजनक स्थिति में लंबे समय तक रखने लगते हैं। इससे तेज दर्द होता है और रोजाना के काम में परेशानी आती है।

पहचानें इन लक्षणों को

बेहतर यही है कि लक्षण को सही समय पर पहचानें। इनके लक्षणों में गर्दन में दर्द होना, गर्दन अकड़ जाना और हिलाने-डुलाने में परेशानी होना, हाथ-पैर और पंजों में झुनझुनी, सुन्न महसूस होना या उसमें कमजोरी लगना, सिर के पिछले भाग और कंधों में दर्द, शरीर में असंतुलन और चलने में दिक्कत, मांसपेशियों में एंठन शामिल हैं। अगर सर्वाइल पैन सामान्य और मामूली है तो लाइफस्टाल में बदलाव कर इसे सही किया जा सकता है। लेकिन स्थिति ज्यादा गंभीर हो तो ऑर्थोपेडिक सर्जन को दिखाएं। सीटी स्कैन, एक्स रे और एमआरआई से इसकी समस्या और गंभीरता का पता लगाया सकता है और उस हिसाब से इलाज की प्रक्रिया शुरू होती है। समस्या का पता लगने के बाद इलाज की प्रक्रिया के तहत फिजियोथैरेपी भी विशेषज्ञ की देखरेख में की जाती है।
 

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स्पाइनल टुबर्क्यलोसिस भी एक खतरनाक स्थिति है। हड्डियों में फ्रैक्चर होने के कारण रीढ़ की हड्डियों में इन्फेक्शन हो सकता है। स्पाइनल टुबर्क्यलोसिस के कारण एक से ज्यादा हड्डियां क्षतिग्रस्त हो सकती है। इसके कारण स्पाइवल कैनल भी संकरी हो सकती है। इससे नर्वस सिस्टम से संबंधित परेशानियां हो जाती हैं। समय रहते इलाज जरूरी है वरना स्पाइनल कॉर्ड में नसों के दबने से शरीर के निचले भाग को लकवा मार सकता है।

सर्वाइकल से बचना है तो बरतें ये सावधानियां

बहुत जरूरी है कि हमेशा ही गर्दन को स्वस्थ रखने के उपाय अपनाएं। बैठने, उठने, चलने से लेकर कम्प्यूटर पर काम करने का पॉश्चर यानी बैठने का तरीका सही होना चाहिए। मोबाइल फोन पर लंबे समय तक बात एक ही स्थिति में तिरछा न करें और ज्या देर तक फोन पर बात करनी भी पड़े तो कान और कंधे के बीच में रखकर न करें। सामने की तरफ भी गर्दन झुका कर मोबाइल स्क्रिन देखने की बजाए आंखों की ऊंचाई के बराबर रखकर देखें। बेहतर तो यह होगा कि मोबाइल का ज्यादा बहुत इस्तेमाल न करें। 
 

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हड्डियों को स्वस्थ रखना जरूरी है। इसके लिए कैल्शियम और विटामिन डी का सेवन करें। सोने का तकिया या कुशन सही आकार का होना चाहिए। नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से इस स्थिति से बच सकते हैं।

गर्दन में दर्द के घरेलू उपाय - Home Remedies for Cervical Pain

सही ढंग से सोएं  - अक्सर मुलायम ऊंचे गद्दे और तकिए पर हम सोना पसंद करते हैं । पर यह सर्वाइकल पेन का कारण हो सकता है इसलिए सख्त गद्दे का ही हमेशा प्रयोग करें। ऊंची तकिया से दुश्मनी कर लें तो बेहतर है। अपना सिर जमीन के तल पर रखकर सोने की आदत डाल लें। या ज्यादा से ज्यादा पीठ को 15 डिग्री तक मोड़ने वाले तकिये का प्रयोग करें। पेट के बल ना सोएँ। ये गर्दन को फैलाता है। पीठ के बल या करवट लेकर सोएँ। इससे आपको दर्द से राहत पाने में मदद करेगा और जिन्हें नहीं है वह बचे रहेंगे।
 
गर्म और ठंडा सेख - दर्द कम करने के लिए गर्दन पर ठंडा या गर्म पदार्थ लेकर सिंकाई करें। किसी एक से ही करते रहने के मुकाबले बारी-बारी से गर्म और ठन्डे का प्रयोग करना फायदेमंद होगा।
 
मसाज - मसाज करवाना तो वैसे भी कई लोगों को पसंद होता है और यह तुरन्त रिलीफ पहुंचाता है पर सिर्फ बॉडी पेन में ही नहीं बल्कि सर्वाइकल पेन के दर्द से राहत के लिए आप मसाज का सहारा भी ले सकते है।
 

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खूब पानी पियें - हम यूँही नहीं कहते कि जल ही जीवन है। हमारे शरीर का अधिकतम वजन पानी की वजह से होता है क्योंकि शरीर में होने वाले अधिकांश कामो के लिए पानी बहुत महत्वपूर्ण पदार्थ है। साथ ही हमारे रीढ़ की हड्डी के जोड़ो के बीच में डिस्क और जॉइंट होते है उनमे अधिकतर हिस्सा पानी का बना होता है और ऐसे में शरीर में पानी की कमी होने से उनकी कार्यक्षमता में कमी हो जाती है इसलिए जितना हो सके ज्यादा से ज्यादा पानी पियें 
 
स्ट्रेस से बचें - आपको ये सुनकर थोडा अजीब लगेगा कि सर्वाइकल पेन की वजह स्ट्रेस यानी तनाव भी हो सकता है और यह कम से कम 60 फीसदी मामलों में देखा गया है इसलिए अगर आपको पेन है तो आपको इसपर और भी ध्यान देना चाहिए और तनाव को कम करने के लिए उपयोगी कदम उठाने चाहिए।
 
राइट डे शेड्यूल अपनाएं - एक अच्छी दिनचर्या आपके लिए चीजें आसान कर सकती हैं, इसलिए अपनी दिनचर्या में शारीरिक व्यायाम और सही भोजन को शामिल करें और अगर आप  मेहनत वाला काम करते हों तो बिना लापरवाही किए अपने शरीर को भरपुर आराम दें।
 
स्ट्रेच एक्सरसाइज की आदत डालें - अपने शरीर को कुछ छोटे छोटे एक्सरसाइज के साथ आप अपने दर्द से प्रभावित हिस्सों को आराम दे सकते है इनमे कुछ स्ट्रेच एक्सरसाइज भी शामिल है। स्ट्रेच एक्सरसाइज करने से शरीर एवं गर्दन की मास पेशियां खुल जाती है और सर्वाइकल पेन से राहत मिलने लगती है।
स्मोकिंग, कैफीन युक्त चीजों से दूरी बनाएं। 

जरूरी आदतें 

दोस्तों सर्वाइकल पेन के कारण,लक्षण और इलाज जानने के साथ ही आपको कुछ आदतें छोड़नी और कुछ आदतें जरूरी तौर पर अपनी लाइफस्टाइल में शामिल करनी होंगी  जैसे कि ज्यादा वजन वाले सामान उठाने की आदत छोड़ दें।

वज्रासन, चक्रासन और मत्स्यासन के अलावा गर्दन को गोल गोल घुमाने का अभ्यास करे

प्रतिदिन सूर्योदय से पहले उठकर कम से कम 3 किलोमीटर तेज़ रफ्तार से पैदल चलें
 

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अपने ऑफिस में ज्यादा देर तक एक ही पोजीशन में न बैठकर हर एक घंटे के बाद थोड़ी थोड़ी देर के लिए ब्रेक लेकर थोडा वाक करने की आदत डालें।

अगर आप घरेलू महिला है तो ज्यादा देर न सोये और घरेलू कार्यों के बीच थोडा थोडा ब्रेक ले कर आराम करें।

बैठ कर फर्श पर पोछा लगाने का शौख पालें इससे काफी आराम मिलेगा।

ध्यान रहे यह शुरुआती तकलीफ के लिए बेहतर उपाय हैं लेकिन अगर तकलीफ से राहत ना मिले तो तुरन्त डॉक्टर से संपर्क करें।