इम्यूनिटी बढ़ाने से लेकर पेट दुरुस्त रखने तक, ये 10 जबरदस्त फायदे भी देता है हरा धनिया

इम्यूनिटी बढ़ाने से लेकर पेट दुरुस्त रखने तक, ये 10 जबरदस्त फायदे भी देता है हरा धनिया

हरे धनिये की पत्तियां कई सारे पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं। और केवल पत्तियां ही नहीं धनिये के डंठल में भी कई सारे गुण समाए होते हैं । Health tips benefits of green coriander in Hindi
खिली हुई महकती पत्तियों वाला हरा धनिया (Green Coriander)। कभी सब्जी वाले से फ्री में लेने की जुगत तो कभी घर के गमले में लगे कुछ डंठलों की चाहत। कहने को हरा धनिया सिर्फ सब्जी, सलाद या नाश्ते पर गार्निशिंग करने के लिए या बहुत हुआ तो हरी चटनी बनाने के लिए खरीदा जाता हो, लेकिन असल में इन खुशबूदार पत्तियों की उपयोगिता इससे कहीं ज्यादा है। हरे धनिये की ये पत्तियां कई सारे पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं। और केवल पत्तियां ही नहीं धनिये के डंठल में भी कई सारे गुण समाए होते हैं। इसलिए भारतीय भोजन में सालों से इसका उपयोग किया जा रहा है। जानिए कितने गुण हैं धनिये के...

हरे धनिये का काम भोजन का फ्लेवर बढ़ाना तो होता ही है, इसके साथ ही यह भोजन को पौष्टिक बनाने में भी मदद करता है। कई देशों में इस हरी पत्ती वाले पौधे को सिलान्त्रो के नाम से भी पहचाना जाता है।
हरी पत्तियों के अलावा धनिये के सूखे बीजों को साबुत या पावडर रूप में भी भोजन पकाने के मसाले के तौर पर प्रयोग में लाया जाता है।

1) टाइप-2 डायबिटीज के रोगियों के लिए धनिया कई रूपों में फायदेमंद हो सकता है। धनिया बीज, सत्व और तेल के रूप में ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मददगार हो सकता है। सही तरीके से इनका सेवन चमत्कार की तरह काम करता है। बल्कि कई विशेषज्ञ तो उन लोगों को धनिये का प्रयोग सम्भलकर करने की हिदायत भी देते हैं जिनकी ब्लड शुगर लो रहती है।
 

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2) शरीर मे बनने वाले फ्री रेडिकल्स कई तरह की गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। धनिये में ऐसे कई एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाव करते हैं।

3) ये एंटी-ऑक्सीडेंट शरीर मे होने वाली इन्फ्लेमेशन (सूजन) से भी बचाव करते हैं। साथ ही फेफड़ों, प्रोस्टेट, कोलोन तथा ब्रेस्ट कैंसर जैसे कई प्रकार के कैंसर की ग्रोथ को भी धीमा करते हैं।

4) धनिये में मौजूद पोषक तत्व इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाते हैं।

5) हाई ब्लड प्रेशर और एलडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करके हरा धनिया कई तरह के हृदय रोगों से भी बचाव करता है। धनिये का सत्व एक डाइयूरेटिक की तरह भी काम करता है। अर्थात शरीर से अतिरिक्त सोडियम और पानी को बाहर निकाल देता है। इससे भी ब्लडप्रेशर का स्तर कम होता है।
 

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6) धनिये के एंटीइंफ्लेमेटरी गुण दिमाग की सेहत में भी इजाफा कर सकते हैं। असल में अल्जाइमर्स, पार्किंसंस और मल्टीपल स्क्लेरोसिस जैसी कई दिमाग संबंधी समस्याएं इन्फ्लेमेशन से जुड़ी हो सकती हैं। धनिये का प्रयोग इनसे बचाव में सहयोगी हो सकता है।

7) शोध इस बात की पुष्टि कर चुके हैं कि धनिये की पत्तियां याददाश्त को बढ़ाने में भी मदद कर सकती हैं। साथ ही एंग्जायटी के लक्षणों को घटाने में भी मददगार होती हैं।

8) धनिये को भारतीय मसालों में बहुत महत्व मिलता है। हमारे यहां साधारण सब्जी से लेकर, भरवां और करी तक मे खड़े धनिये से लेकर धनिया पावडर भी अच्छी मात्रा में डाला जाता है। इसके पीछे भी एक महत्वपूर्ण कारण है।  असल में धनिया पाचन के लिए बहुत अच्छा होता है। धनिये के बीज से निकला तेल और सत्व पेट की सेहत के लिए फायदेमंद होता है। इससे इरिटेबल बाउल सिंड्रोम के लक्षणों को कम करने में भी सहायता मिलती है। साथ ही धनिये का सेवन एपेटाइजर के रूप में भी किया जाता है।

9) धनिये में मौजूद एंटीमाइक्रोबियल कम्पाउंड कुछ प्रकार के संक्रमणों से लड़ने में मदद कर सकते हैं। यह फूड पॉइजनिंग जैसे मामलों में भी राहत देने का काम करते हैं। साथ ही ये यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया से लड़ने की भी क्षमता रखते हैं।

10) धनिया स्किन और बालों की सेहत के लिए भी बहुत अच्छा होता है। यहां तक कि त्वचा संबंधी समस्याओं जैसे कि डर्मेटाइटिस के लिए यह राहतकारी साबित हो सकता है। इसके अलावा झड़ते बालों की समस्या और उम्र के साथ चेहरे पर आने वाले निशानों के मामलों में भी धनिये का प्रयोग बहुत अच्छा असर करता है। वहीं स्किन के अतिरिक्त तेल, रूखेपन, मुहांसों आदि को ठीक करने के लिए भी धनिये के सत्व का प्रयोग किया जाता है।
 

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कुल मिलाकर, धनिया एक ऐसा पौधा है जो अपनी पत्तियों, रस, सत्व कई रूपों में औषधीय गुणयुक्त हो सकता है। लेकिन किसी भी चीज का अधिक प्रयोग नुकसानदायक भी हो सकता है। इसलिए धनिये का प्रयोग भी संतुलन के साथ करें। अगर आपको किसी प्रकार की एलर्जी है तो उपयोग से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।