उत्तराखंड का छोटा सा हिल स्टेशन औली किसी स्वर्ग से कम नहीं

उत्तराखंड का छोटा सा हिल स्टेशन औली किसी स्वर्ग से कम नहीं

भारत के उत्तराखंड राज्य में चमोली जिले में बेहद ही खूबसूरत जगह है औली जिसे भारत का मिनी स्विट्जरलैंड भी कहा जाता है। Auli also known as Mini Switzerland of India
Mini Switzerland Of India: भारत का मिनी स्विट्जरलैंड औली (Auli) हर समय एक अलग रंग में खूबसूरती बिखेरता हुआ नजर आता है। औली एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है जो पूरी दुनिया में स्कीइंग के लिए प्रसिद्ध है। इसकी ऊँचाई समुद्र तल से 3,000 मीटर है। औली का इतिहास 8वीं शताब्दी में पाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार गुरु आदि शंकराचार्य इस पवित्र स्थान पर आए थे। इस जगह को 'बुग्याल' भी कहा जाता है जिसका स्थानीय भाषा में अर्थ है घास का मैदान। ओस की ढलानों पर चलते हुए पर्यटक नंदा देवी, मान पर्वत तथा कामत पर्वत शृंख्ला के अद्भुत नज़ारें देख सकते हैं। यात्री इन ढलानों से गुज़रने पर सेब के बाग और हरेभरे देवदार के पेड़ देख सकते हैं।
चारों तरफ सफेद बर्फ की चादर से ढँकी पर्वत श्रृंखलाएँ। रोपवे पर लगातार आती-जाती ट्रॉलियाँ। पहाड़ों के बीच बर्फ से ढके छोटे से मैदान में बनी एक कृत्रिम झील। झील के चारों ओर विचरण करते सैलानी। ये हमारा अपना स्विट्जरलैंड है। ये औली है। 

औली के आस पास की जगह 

Auli का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल, नंदप्रयाग, अलकनंदा और नंदाकिनी नदियों के संगम पर स्थित है। हिंदू धर्म के लोगो के लिए इस संगम में डुबकी लगाना धार्मिक रूप से अत्यधिक महत्वपूर्ण है। केदारनाथ ओर बद्रीनाथ के लिए यह प्रवेश द्वार है जहाँ से यात्री बर्फ से ढके पहाड़ों के सुंदर नज़ारों का आनंद ले सकते हैं।
 

 

इसे भी पढ़ें: उत्तराखंड में घूमने के लिए 10 सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थल


यह जगह सरकार द्वारा बनाई गई कृत्रिम औली झील के लिए प्रसिद्ध है जो विशेष रूप से कम बर्फबारी के महीनों में नई स्की ढलानों पर कृत्रिम बर्फ उपलब्ध कराने के लिए उपयोग की जाती है। यहाँ आने पर पर्यटक भविष्य बद्री भी देख सकते हैं जो समुद्रतल से 2744मी. की ऊँचाई पर स्थित है। बद्रीनाथ, योगध्यानबद्री, आदिबद्री तथा वृद्धबद्री के बाद पाँच बद्री तीर्थों में से एक होने के कारण इस जगह का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है। 

'गुरसो बुग्याल' एक खूबसूरत जगह है जो गर्मियों में बहुत हरीभरी रहती है। यह जगह कोनिफर और ओक के हरेभरे जंगलों से घिरी हुई है। जोशीमठ से रज्जुमार्ग के द्वारा पर्यटक यहाँ पहुँच सकते हैं। गुरसो बुग्याल के पास 'छत्तरकुंड झील' नामक ऐ छोटा सा जलाशय है। औली के पास स्थित छोटे से गाँव 'सैलधर तपोवन' में यात्री एक प्राकृतिक झरना और एक मंदिर भी देख सकते हैं। 

औली की बर्फीली ढलानों पर स्कींइग का भरपूर मज़ा लिया जा सकता है। अल्पाइन स्कीइंग, नार्डिक स्कीइंग तथा टेलीमार्क स्कीइंग का आनंद लेने के लिए ये ढलानें बेहतरीन हैं। एशिया की सबसे लंबी केबल कार औली में है जो 4कि.मी. की दूरी तय करती है। केबल कार को गोंडोला कहते हैं जिसमें चेअर लिफ्ट और स्की लिफ्ट की सुविधा उपलब्ध है। स्नो पैकिंग मशीन और स्नो बीटर की सहायता से इन ढलानों को नियमित रूप से समतल किया जाता है। 
 

इसे भी पढ़ें: जानिए भारत में सर्दियों के लिए सर्वश्रेष्ठ हनीमून स्थल


हिमालय क्षेत्र में औली ट्रैकिंग के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ जोशीमठ ट्रैकिंग रूट बहुत लोकप्रिय है। इस क्षेत्र के विभिन्न रास्तों पर ट्रैकिंग करते हुए कामेत, नंदादेवी, मान पर्वत तथा दुनागिरी पर्वत देखे जा सकते हैं। भारत का सबसे ऊंचा पर्वत, नंदादेवी 7,817 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है । नंदा देवी भारत के सबसे ऊंचे हिल स्टेशनों में से एक है। चोटी का नाम स्वयं देवी को आशीर्वाद देने के लिए पड़ा है। चोटी को घेरे हुए नंदादेवी राष्ट्रीय उद्यान भी एक ऐसा स्थान है जहां आप वनस्पतियों और जीवों और जैव विविधता को देख सकते हैं।

विष्णुप्रयाग उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है और समुद्र तल से 1,372 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इस राजसी तट पर आप एक प्रसिद्ध विष्णु मंदिर भी देख सकते हैं जो 1889 में इंदौर की महारानी ने बनवाया था। यहां अलकनंदा और दहलीगंगा की दो सहायक नदियों को एक साथ स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। विष्णुप्रयाग वास्तव में उन पांच स्थानों (पंचप्रयाग) में से एक है जहां नदी शक्तिशाली गंगा नदी में बदलने से पहले अपनी बहन सहायक नदियों से मिलती है।

समुद्रतल से 7160मी. ऊपर स्थित त्रिशूल पर्वत औली का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। इस पर्वत का नाम भगवान शिव के त्रिशूल से लिया गया है। यह एक लोकप्रिय स्कीइंग स्थल है और साथ ही भारत-तिब्बती सीमा पुलिस बल के जवानों के लिए ट्रेनिंग का मैदान भी है। इस पर्वत की तलहटी पर पर्यटक रूपकुंड झील भी देख सकते हैं। 
 

इसे भी पढ़ें: हनीमून एन्जॉय करने के लिए बेस्ट है साउथ इंडिया के ये होटल्स


कैसे जाएं औली

औली तक यात्री आसानी से वायुमार्ग, रेलमार्ग तथा सड़कमार्ग द्वारा पहुँच सकते हैं। औली का निकटतम एयरबेस देहरादून का जौली ग्रांट हवाईअड्डा है और निकटतम मुख्य रेलवे स्टेशन हरिद्वार रेलवे स्टेशन है। औली के लिए पास के शहरों से बसें भी उपलब्ध रहती हैं। पर यदि आप सड़क मार्ग के जरिए औली जाते हैं तो आपको जीवनभर याद रहने वाला एक्सपीरियंस होगा क्योंकि सफर के दौरान रास्ते में पड़ने वाली प्राकृतिक खूबसूरती आपकी यात्रा को और भी रोमांचक बना देते हैं।

कब जाएं औली 

वैसे तो आप औली साल के 365 दिन जा सकते हैं लेकिन नवंबर से मार्च के बीच का समय सबसे बेस्ट रहेगा। दिसंबर से फरवरी के बीच भारी बर्फबारी की वजह से यहां का वातावरण बहुत ज्यादा ठंडा रहता है तो वहीं मई से नवंबर के बीच का मौसम ठंडा रहता है।