Vastu Tips: वास्तु के कुछ नियम, जिन्हें अपनाने से आपके जीवन में हमेशा रहेगी सुख और समृद्धि

Vastu Tips: वास्तु के कुछ नियम, जिन्हें अपनाने से आपके जीवन में हमेशा रहेगी सुख और समृद्धि

यदि आपने घर में पूजा घर बना रखा है तो शुभ फलों की प्राप्ति के लिए उसमें नियमित रूप से पूजा होनी चाहिए एवं दक्षिण-पश्चिम की दिशा में निर्मित कमरे का प्रयोगपूजा-अर्चना के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
वास्तु सिद्धांत के अनुसार वास्तु दोषों को दूर करने अथवा कम करने में आपके घर की आंतरिक साज-सज्जा मददगार साबित हो सकती है। घर में सुख-शांति एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण के लिए कुछ वास्तु नियमों को अपनाया जा सकता है।

- अच्छे और मधुर संबंधों के लिए अतिथियों (Guests) का स्थान या कमरा उत्तर या पश्चिम की ओर बनाना चाहिए।
 
- आरोग्य के दिशा क्षेत्र उत्तर-उत्तर-पूर्व दिशा में दवाइयां रखने से ये जल्दी असर दिखाती हैं।
 
- सब कुछ ठीक होने के बाद भी आपको लगता है की हमारे हाथ में धन नहीं रुकता तो आपको अपने घर के दक्षिण-पूर्व दिशा क्षेत्र से नीला रंग हटाने की ज़रुरत है। इस दिशा में हल्का नारंगी, गुलाबी रंगों का प्रयोग करें।
 
- घर के अंदर लगे हुए मकड़ी के जाले (spider webs), धूल-गंदगी (dust and dirt) को समय-समय पर हटाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा (negative energy) नहीं रहती।
 
- पार्किंग हेतु उत्तर-पश्चिन स्थान प्रयोग में लाना शुभ माना गया है।
- घर में बनी हुई क्यारियों या गमलों में लगे हुए पौधों को नियमित रूप से पानी देना चाहिए। यदि कोई पौधा सूख जाए तो उसे तुरंत वहां से हटा दें।
 
- दक्षिण-पश्चिम दिशा में ओवरहैड वाटर टैंक की व्यवस्था करना लाभप्रद रहता है।
 
- दरवाज़े को खोलते तथा बंद करते समय सावधानी से बंद करें, ताकि कर्कश ध्वनि न निकले।
 
- यदि आपने घर में पूजा घर बना रखा है तो शुभ फलों की प्राप्ति के लिए उसमें नियमित रूप से पूजा होनी चाहिए एवं दक्षिण-पश्चिम की दिशा में निर्मित कमरे का प्रयोगपूजा-अर्चना के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
 
- गैस का चूल्हा किचन प्लेटफार्म के आग्नेय कोण में दोनों तरफ से कुछ इंच जगह छोड़कर रखना वास्तु सम्मत माना गया है।
 
- शयन कक्ष (Bedroom) में ड्रेसिंग टेबल हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा में रखनी चाहिए, सोते समय शीशे को ढक दें।
 
- किसी भी व्यक्ति को किसी भी परिस्थिति में दक्षिण दिशा की तरफ पैर करके नहीं सोना चाहिए, ऐसा करने से बेचैनी, घबराहट और नींद में कमी हो सकती है।
 
- शयन कक्ष में मुख्य द्वार की ओर पैर करके नहीं सोएं। पूर्व दिशा में सिर एवं पश्चिम दिशा में पैर करके सोने से आध्यात्मिक भावनाओं (spiritual feelings) में वृद्धि होती है।
 
- घर या कमरों में कैक्टस के पौधे या कंटीली झाड़ियाँ या काँटों के गुलदस्ते जो की गमलों में साज-सज्जा के लिए सजाते हैं उनसे पूरी तरह बचना चाहिए।
 
- भवन में उत्तर दिशा,ईशान दिशा,पूर्व दिशा, वायव्य दिशा में हल्का सामान रखना शुभ फलदाई होता है।
 
- घर में अग्नि से सम्बंधित उपकरण जहाँ तक संभव हो दक्षिण-पूर्व दिशा में रखने चाहिए। घर में लगे हुए विद्युत उपकरणों (electrical appliances) का रख-रखाव उचित ढंग से होना चाहिए, उनमें से किसी भी प्रकार की आवाज या ध्वनि नहीं निकलनी चाहिए।