उदयपुर के पर्यटन स्थल | Tourist Places In Udaipur In Hindi

उदयपुर के पर्यटन स्थल | Tourist Places In Udaipur In Hindi

उदयपुर में घूमने की जगह (Tourist Places In Udaipur) की बात करें तो बता दें आज उदयपुर अपने महलों, झीलों और बाग-बगीचे के लिए दुनियाभर में मशहूर है। Best Places To Visit In Udaipur and Best Time To Visit To Udaipur
हमारा भारत अनेकों रंगों में रंगा हुआ है। यहाँ के लोग उनकी बोली सब कुछ बहुत खास है। भारत में कई राज्य और उनमे कई खूबसूरत शहर हैं इन्ही में से एक है उदयपुर। उदयपुर के लोग और यहाँ की खूबसूरती सभी कुछ मनभावन है। उदयपुर की खोज महाराणा उदय सिंह ने सन 1553 में की थी। वर्ष 2009 में एक मैगज़ीन द्वारा उदयपुर को दुनिया में बेस्ट सिटी कहा गया था।
 
उदयपुर में घूमने की जगह (Best Tourist Places In Udaipur In Hindi) की बात करें तो बता दें आज उदयपुर अपने महलों, झीलों और बाग-बगीचे के लिए दुनियाभर में मशहूर है। उदयपुर को घूमने की सबसे अच्छी जगहों में शामिल किया गया है। यहाँ घूमने के लिए देश विदेश से लोग आते है और इसकी खूबसूरती को बयां करते नहीं थकते। यहाँ कई रॉयल महल भी है जिन्हे आज आलिशान होटलों में तब्दील कर दिया गया है।
 
उदयपुर के प्रमुख पर्यटन स्थल | Tourist Places In Udaipur In Hindi
 
उदयपुर शहर आज मुख्या रूप से पर्यटन के लिए ही जाना जाता है। अनेक झील होने की वजह से इसे झीलों वाला शहर भी कहते हैं। यहाँ के सुन्दर महल, पहाड़, कोठियां और बाघ बगीचे एक नजर में ही लोगों को आकर्षित कर लेते हैं। उदयपुर में घूमने के लिए इतनी सारी जगह हैं की यहाँ घूमने जाने वालों के मन में हमेशा से ही यह प्रश्न रहता है की उदयपुर में क्या-क्या देखें। अगर आप के मन में भी यही सवाल हैं तो चलिए आज हम आपको उदयपुर के मुख्या पर्यटक स्थल (Udaipur Ke Paryatan Sthal) बताते हैं।
 
1. पिछोला झील | Pichola Jheel Udaipur
पिछोला झील उदयपुर की सबसे सुन्दर और प्राचीन झील है। इस झील की खोज सन 1362 में हुई थी। इसे राणा लखा के समय में छीतरमल नामक बंजारे ने बनाया था। बन जाने के बाद इस झील का विस्तार महाराणा उदय सिंह द्वतीय ने किया। इस झील में अनेक घाटियां, महल और इमारतें हैं जो कि इस झील के सौंदर्य को और निखार देती हैं। इस झील में नौका विहार करने का अपना अलग ही मज़ा है। डूबते हुए सूरज के साथ इस झील का सौंदर्य और भी अधिक हो जाता है इसलिए यहाँ नौका विहार करते हुए डूबता हुए सूरज को देखना बड़ा ही मनभावन लगता है।
 
2. लेक पैलेस | Lake Palace
लेक पैलेस पर्यटकों की सबसे पसंदीदा जगहों में से एक है। यह महल पिछोला झील के बीचो बीच जग निवास द्वीप पर स्थित है। लेक पैलेस को 4 एकड़ में बनाया गया है। सन 1743 में महाराणा जगत सिंह ने इसे एक महल के रूप में बनवाया था परन्तु आज यह महल एक 5 स्टार होटल की तरह दिखने लगा है। इसे राजा ने गर्मियों के मौसम में झील के बीचों बीच शीतलता प्रदान करने हेतु अपने ठहरने के लिए बनवाया था। इसी लिए कुछ लोग इसे ग्रीष्मकालीन निवास तो कुछ जग या जन निवास भी कहते हैं। लेक पैलेस कुछ इस तरह बनाया गया था की इसके सामने का हिस्सा सूर्य देव की तरफ हो। आज इस महल में कई फिल्मों की शूटिंग की जाती है।
 

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3. सिटी पैलेस | City palace Udaipur
उदयपुर घूमने आये पर्यटकों के लिए सबसे पहला आकषण का केंद्र है सिटी पैलेस। उदयपुर में पिछोला झील के किनारे स्थित यह किला कई महलों से मिल कर बना है। इसके अंदर बने महलों का निर्माण विभिन्न शासन कालों में अनेक राजाओं द्वारा किया गया है। सिटी पैलेस की स्थापना मुख्या रूप से 16वी शताब्दी में हुई थी। इसे महाराजा उदय सिंह ने बनवाया था। आज सिटी पैलेस घूमने के लिए लोग विदेशों से तक आते हैं। यहाँ प्रवेश करते ही आपको राजा महाराजों की जीवनशैली का आभास होगा। यह जगह सुबह 9 से शाम 5 बजे तक खुलती है। सिटी पैलेस में अंदर जाने का शुल्क 300 रूपए रखा गया है।
 
4. दिल कुश महल | Dil khush mahal
सिटी पैलेस के अंदर ही दिलकुश महल निर्मित है। इसे सन 1620 से महाराणा करण सिंह ने अपने परिवार की राजपूताना महिलाओं के लिए बनवाया था। इस महल के दो महत्पूर्ण भाग है एक है कांच की बुर्ज जिसे लोग ‘शीश महल’ भी कहते हैं और दूसरा है कृष्णा विलास। शीश महल बहार और अंदर से देखने में बहुत ही सुन्दर है यह महल अंदर से कांच से बना हुआ है। वहीं कृष्णा विलास की दीवारें भगवान श्री कृष्ण की तस्वीरों और चित्रों से सजी हुई हैं।
 
5. बड़ा महल | Bada mahal Udaipur
यह बहुत बड़ा और सुन्दर महल है बड़ा महल एक विशाल प्राकर्तिक 90 फीट ऊँची चट्टान पर बना हुआ है। इस महल का निर्माण 17वी शताब्दी में हुआ था। यह महल सिटी पैलेस में ही बनाया पुरषों के लिए बनाया गया था। महल का निर्माण राजपूत और मुघल शैली के हिसाब से हुआ है। बड़ा महल में शानदार बगीचे, सुन्दर छत और कई देखने लायक पानी के फुब्बारे हैं। महल के अंदर स्तम्बों पर की हुई सुन्दर पत्ती वाली आकृति वाकई शानदार हैं।
 
6. फतेह सागर | Fateh sagar lake in hindi
उदयपुर की सबसे सुंदल झील कहलाती है फतेह सागर। इसे महाराजा फतेह सिंह ने बनवाया था इसलिए इस झील का नाम उन्ही के नाम पर रखा गया है। फतेह सागर की सुंदरता को शब्दों में बांधना आसान नहीं है। यह उदयपुर की पिछोला झील के उत्तर में स्थित है। फतेह सागर और पिछोला झील दोनों एक दूसरे से एक झील के द्वारा जुड़े हुए है। यहाँ पूछने के लिए चेतक सर्किल से सीधा आना होता है। यहाँ की सड़क बहुत ही चिकनी और फिसलन भरी है। यहाँ सैर करने का एक अलग ही मजा है। इस झील में 3 छोटे छोटे द्वीप स्थित हैं जिनमें से नेहरू पार्क सबसे बड़ा और प्रसिद्ध द्वीप है। फतेह सागर में पर्यटक बोटिंग का लुफ्त उठाने भी आते हैं।
 

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7. हल्दी घाटी | Haldighati in Udaipur
उदयपुर की हल्दी घाटी के बारे में हम हमेशा से किताबों में पड़ते हुए आये हैं। यहाँ सदियों पहले महाराणा प्रताप और मुगल शासक अकबर के बीच बहुत बड़ा युद्ध हुआ था। महाराणा प्रताप का मशहूर घोडा चेतक यहीं मारा गया था इसलिए हल्दी घाटी में चेतक की समाधी भी बनाई गयी है। हल्दी घाटी एक ऐतिहासिक स्थल है। यह स्थान उदयपुर से लगभग 40 किमी दूर है। यहाँ की मिटटी हल्दी की भाँती पीली है इसलिए इसका नाम हल्दी घाटी रखा गया था।
 
8. सास बहु मंदिर | Saas bahu mandir
सास बहु मंदिर उदयपुर से 28 किमी की दूरी पर स्थित है। सास बहु मंदिर मनुष्य द्वारा की गई बहुत ही सुन्दर रचना है। इस मंदिर का एक हिस्सा सास ने जबकि दूसरा हिस्सा बहु ने बनाया है। यही वजह है की इसका नाम सास बहु मंदिर रखा गया है। इस मंदिर का निर्माण 10वी शताब्दी में किया गया था। इस मंदिर में संसार के तीनों स्वामी भगवान ब्रम्हा, विष्णु और महेश की छवियां एक मंच पर खुदी हुई है। इस मंदिर में बहु द्वारा बनाया हुआ हिस्सा सास के बनाये हुए हिस्से से थोड़ा छोटा है। इस मंदिर में भगवान राम, बलराम और परशुराम जी के भी चित्र अंकित किये गए हैं।
 
9. क्रिस्टल गैलरी | Crystal gallery Udaipur
क्रिस्टल गैलरी फतेह सिंह पैलेस के अंदर मौजूद है जो कि क्रिस्टल के उत्पाद का दुनिया का सबसे बड़ा संग्रहालय है। यह गैलरी महाराणा सज्जन सिंह द्वारा सन 1877 में बनाई गयी थी। महाराणा सज्जन सिंह ने इस गैलरी में सजाने के लिए क्रिस्टल की कलाकृतियां बर्मिंघम से मगाई थी। परन्तु जब तक कलाकृतियां आई तब तक महाराणा का निधन हो गया था कलाकृतियां को फिर लगभग 110 साल बाद सन 1994 में गैलरी के रूप में प्रदर्शित किया गया। यह गैलरी दुनिया में बहुत फेमस है इसे देखने के लिए लोग दूर दूर से आते हैं। गैलरी देखने का समय सुबह 10 बजे से दुपहर 1 बजे तक और शाम 3 से रात 8 बजे तक है।
 
10. एकलिंगजी मंदिर | Eklingji Mandir
उदयपुर का सबसे सुन्दर और माननीय मंदिरों में से एक है एकलिंगजी मंदिर। ये हिन्दुओं का शिव मंदिर है। यहाँ भगवान शिव की आराधना की जाती है। एकलिंगजी मंदिर में भगवान शिव की चार मुखों वाली 50 फीट ऊँची प्रतिमा स्थापित है। जो की लोगों को बहुत ही आकर्षित करती है। आदि काल में यहाँ के सभी राजा भगवान शिव को अपना देव मानकर उनके प्रधिनित्व में ही राज करते आएं हैं। किसी भी लड़ाई में जाने से पहले हमेशा यहाँ के राजा एकलिंगजी मंदिर आकर पूजा अर्चना अवश्य करते थे।
 

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11. आहाड़ | Ahad in Udaipur
आहाड़ को मेवाड़ के राजपूतों का कब्रिस्तान कहा जाता है। इसका प्राचीन नाम ताम्रवती है। यहाँ महाराणा अमर सिंह ने राजपाठ त्यागने के बाद अपना अंतिम समय गुजरा था। यहाँ पर 19 शासकों का स्मारक भी है जो की चार दशकों में तैयार हो पाया था। इस जगह का संबंध हड़प्पा सभ्यता से भी जोड़ा जाता है। आहाड़ उदयपुर से 3 किमी दूर है। अगर आप आहाड़ आना चाहते हैं तो बता दें कि यहाँ आने का समय सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक है। आहाड़ में प्रवेश करने का शुल्क मात्र 3 रूपए है। शुक्रवार को यहाँ आना मना है।
 
12. जयसमंद झील | Jaisamand jheel
जयसमंद झील पूरे एशिया कि सबसे बड़ी कृतिम झील (artificial lake) है। ये झील आरावली पर्वत के दक्षिण पूर्व हिस्से में है। जयसमंद झील उदयपुर से सिर्फ 48 किमी दूर है। इस झील का निर्माण महाराणा जय सिंह ने सन 1685 में कराया था। इस झील पर एक विशाल बाँध भीं बनवाया गया है। यह झील पर्याटकों के आकर्षण का सदैव ही केंद्र रही है। झील के सम्मुख एक टापू है जहाँ पर्यटकों के ठहरने कि सुविधा भी है।
 
13. सज्जनगढ़ | Sajjangarh in Udaipur
सज्जनगढ़ उदयपुर के पश्चिम में बांसदरा पहाड़ पर स्थित एक महल है। इसकी स्थापना सन 1884 में हुई थी। सज्जनगढ़ को मेवाड़ राजवंश के महाराणा सज्जन सिंह ने बरसात के समय बादलों को देखने के लिए बनवाया था। यही वजह है कि लोग इसे मानसून महल के नाम से भी जानते है। यह महल समुद्र तल से 3100 फीट ऊंचाई पर है। उदयपुर में इससे ज्यादा ऊंचाई पर और कोई ईमारत नहीं बनी है। वर्तमान में सज्जनगढ़ का रख रखाव वन विभाग करता है। यहाँ से देखने पर उदयपुर का नजारा बहुत ही सुन्दर दिखाई देता है।
 
14. गुलाब बाग | Gulab Bagh in Udaipur
गुलाब बाग का निर्माण सन 1887 में महाराणा फतेह सिंह द्वारा करवाया गया था। यह बाघ सज्जन निवास गार्डन के नाम से भी मशहूर है। गुलाब बाग का वातावरण बहुत ही लाजवाब है। इस बाघ में गुलाब के फूल सर्वाधिक मात्रा में हैं इसलिए इसका नाम गुलाब रखा गया है। यहाँ एक चिड़ियाघर भी है जो कि भारत के सबसे प्राचीन चिड़ियाघरों में से एक है। इस चिड़ियाघर में प्राकर्तिक सुंदरता के साथ-साथ अलग अलग प्रकार के जीव भी देखने को मिलते हैं। ये चिड़ियाघर लगभग 0.40 किमी क्षेत्र में फैला हुआ है गुलाब बाघ उदयपुर का सबसे बड़ा बगीचा है। गुलाब बाघ के अंदर मंदिर और मस्जिद मौजूद हैं। यहाँ कमल तलाई नाम का एक कृत्रिम जल निकाय भी है जो यहाँ की खूबसूरती को और अधिक बढ़ा देता है।

कैसे पहुंचे उदयपुर | How to reach Udaipur
 
उदयपुर जाने के लिए हवाई जहाज, ट्रैन या गाडी तीनों में से किसी भी संसाधन का उपयोग किया जा सकता है। चलिए आपको एक एक करके तीनो संसाधनों के बारे में विस्तार से बताते हैं।
 
उदयपुर शहर के हवाईअड्डे का नाम महाराणा प्रताप हवाईअड्डा है। ये शहर से लगभग 24 किलोमीटर की दूरी पर है। हवाई जहाज से उदयपुर पहुंचने के लिए दिल्ली, मुंबई और जयपुर जैसे शहरों के एयरपोर्ट से उदयपुर के लिए फ्लाइट पकड़ी जा सकती है।
 
उदयपुर शहर के दो प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं उदयपुर सिटी रेलवे स्टेशन और राणा प्रताप नगर रेलवे स्टेशन। ये दोनों ही स्टेशन शहर के बीच के हिस्से से 3 किमी दूर है। यहाँ से कई मशहूर शहर जैसे मुंबई, दिल्ली, जयपुर, कोटा, आगरा आदि के लिए ट्रेनें नियमित रूप से उपलब्ध रहती हैं।
 

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अगर आप स्वयं की गाडी से उदयपुर जाना चाहते हैं तो आप दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों से नेशनल हाईवे 8 से होते हुए उदयपुर जा सकते हैं। दिल्ली और मुंबई से उदयपुर लगभग 11 से 12 घंटे की ड्राइव है। इसके अलावा आप बस से भी यहाँ जा सकते हैं। उदयपुर के लिए हर प्रमुख शहरों से बस उपलब्ध हैं।

उदयपुर के प्रसिद्ध खान पान | Famous food of Udaipur
 
उदयपुर की यात्रा यहाँ के खाने के बिना तो पूरी हो ही नहीं सकती है। उदयपुर एक ऐसा शहर है जहाँ कई प्रकार के भोजन परोसे जाते है। यूँ तो हर तरह का भोजन खाना सभी का शोक होता ही है ऐसे में बता दें उदयपुर का रजिस्थानी भोजन सर्वाधिक प्रिय माना जाता है। यहाँ के भोजन में यहाँ के लोगो का प्यार भी शामिल होता है जो इसके स्वाद को और अधिक बड़ा देता है। यहाँ के कुछ प्रमुख खान पान इस प्रकार है दाल बाटी चूरमा, रजिस्थानी थाली, गट्टे की सब्जी, कचोरी (जिन्हे शुद्ध देशी घी में बनाया जाता है), नारंगी जलेबियाँ आदि।