लद्दाख जाने का हैं प्लान तो जरूर जाएं इन बेहतरीन जगहों पर

लद्दाख जाने का हैं प्लान तो जरूर जाएं इन बेहतरीन जगहों पर

लद्दाख एक बेहद खूबसूरत डेस्टिनेशन माना जाता है। जहां का मौसम हर मिनट में बदलता रहता है। जानें यहां की बेहतरीन जगहों के बारे में। लेह लद्दाख में पर्यटन स्थल - Top Places In Leh Ladakh In Hindi
इसमें कोई संदेह नहीं है कि लद्दाख भारत के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है, जो ऊंचे पहाड़ों, झीलों, नदीयों, आकर्षक बौद्ध मठों और धार्मिक स्थलों से परिपूर्ण है। आज मैं आपको लद्दाख के ऐसे जगहों के बारे में बताने वाला हूं, जिसे उसके प्राकृतिक सौंदर्य, शांत प्राकृतिक वातावरण और उसके आस पास के खूबसूरत नजारों हेतु लद्दाख के पर्यटन स्थलों की सूचि में सबसे ऊपर रखा गया है।

अगर देखा जाए तो लद्दाख में ऐसा एक भी जगह नहीं है, जहां जाने के बाद आपको लगेगा कि मुझे यहां नहीं आना चाहिए था। क्योंकि लद्दाख में स्थित हर एक जगह का अपना अलग ही महत्त्व है, जो पहाड़ों के बीच अपने अलग-अलग रंग-रूप, प्राकृतिक सौन्दर्य और अपने आस-पास के सुन्दर नजारों से भरे पड़े हैं, जिसे देखने के बाद आपको ऐसा लगेगा कि आप एक अलग ही दुनिया में आ गए हों। लेह लद्दाख अपने कठिन रास्तों, खूबसूरत बर्फबारी और कई साहसिक गतिविधियों की वजह से भारत में घूमने की सबसे अच्छी जगहों में से एक है।

लेह लद्दाख के 15 खास पर्यटन स्थल

1) पैंगोंग झील – Pangong Lake

ब्लू पैंगोंग झील हिमालय में लेह-लद्दाख के पास स्थित प्रसिद्ध झील है जो 12 किलोमीटर लंबी है और भारत से तिब्बत तक फैली हुई है। यह झील करीब 43,000 मीटर की ऊंचाई पर है, जिसकी वजह से इसका तापमान -5 डिग्री सेल्सियस से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है, यह अपनी लवणता के बावजूद भी सर्दियों के मौसम में पूरी तरह से जम जाती है। इस झील को पैंगॉन्ग त्सो के रूप में भी जाना जाता है और यह लम्बे समय से लेह लाद्द्ख का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। लेह लद्दाख की एक खूबसूरत जगह होने के साथ यह कई फिल्मों की शूटिंग का हॉट-स्पॉट होने की वजह से इस झील को काफी लोकप्रियता मिली है। पैंगोंग झील अपनी प्राकृतिक सुंदरता, क्रिस्टल जल और कोमल पहाड़ियाँ क्षेत्र के सुंदर परिदृश्य की वजह से एक लेह-लद्दाख का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है।

2) मैग्नेटिक हिल- Magnetic Hill

यह लद्दाख की एक ऐसी जगह है जहां जाने के बाद आप हैरान रह जाएंगे। वह इसलिए कि यहां पर गाड़ी को बिना स्टार्ट किए न्यूटन मोड में रोड पर खड़ा कर देने पर वह अपने आप चढ़ाई की तरफ जाने लगती है। इस नजारे को अपनी आंखों से देखने और इसके रहस्य को जानने के लिए हर साल देश-विदेश से सैलानी यहां आते हैं। अगर सही मायने में देखा जाए तो गाड़ी नीचे की तरफ जाती है, लेकिन ऑप्टिकल विजन के कारण यहां जाने वाले पर्यटकों को लगता है कि गाड़ी चढ़ाई की तरफ जा रही है।

3) लेह पैलेस – Leh Palace

लेह पैलेस जिसे ‘Lhachen Palkhar’ के नाम से भी जाना जाता है जो लेह लद्दाख का एक प्रमुख ऐतिहासिक स्थल है और देश की एक ऐतिहासिक समृद्ध सम्पदाओं में से एक है। इस भव्य और आकर्षक संरचना को 17 वीं शताब्दी में राजा सेंगगे नामग्याल ने एक शाही महल के रूप में बनवाया था और इस हवेली में राजा और उनका पूरा राजसी परिवार रहता था। लेह पैलेस अपने समय की सबसे ऊँची इमारतों में से एक है जिसमें नौ मंजिलें हैं। ये महल लेह कर पूरे शहर का मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है।
 

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4) लेख लद्दाख की आकर्षक जगह चादर ट्रैक- Chadar Trek

चादर ट्रैक लेह लद्दाख के सबसे कठिन और सबसे साहसिक ट्रेक में से एक है। इस ट्रैक को चादर ट्रैक इसलिए कहा जाता है क्योंकि जांस्कर नदी सर्दियों के दौरान नदी से बर्फ की सफेद चादर में बदल जाती है। चदर फ्रोजन रिवर ट्रेक दूसरे ट्रेकिंग वाली जगह से बिलकुल अलग है।

5) दर्शनीय स्थल फुगताल मठ- Phugtal Monastery

फुकताल या फुगताल मठ एक अलग मठ है जो लद्दाख में जांस्कर क्षेत्र के दक्षिणी और पूर्वी भाग में स्थित है। यह उन उपदेशकों और विद्वानों की जगह है जो प्राचीन काल में यहां रहते थे। यह जगह ध्यान करने, शिक्षा, सीखने और एन्जॉय करने की जगह थी। झुकरी बोली में फुक का अर्थ है “गुफा”, और ताल का अर्थ है “आराम ” होता है। यह 2250 साल पुराना मठ एकमात्र ऐसा मठ है जहाँ पर पैदल यात्रा करके पहुंचा जा सकता है। फुगताल मठ लद्दाख के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है और ट्रेकिंग प्रेमियों के लिए एक बहुत खास जगह है। अगर आप लेह लद्दाख की यात्रा करने के लिए जा रहे हैं तो इस पर्यटन स्थल की सैर करना न भूलें। यहां मंदिर में लोगों द्वारा अच्छे जीवन और कामों के लिए हर दिन प्रार्थना की जाती है। यहां के त्यौहारों बहुत ही उत्साह और मनोरंजन के साथ मनाया जाता है।
 

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6) लेह लद्दाख का धार्मिक स्थल गुरुद्वारा पथर साहिब– Pathar Sahib

गुरुद्वारा पथर साहिब लेह से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस खूबसूरत गुरुद्वारा साहिब 1517 में गुरु नानक की याद में बनाया गया था। जैसा कि इसके नाम से ही समझ आता है कि लेह का यह तीर्थ स्थल एक अचल चट्टान है जिसको गुरु नानक जी की नेगेटिव इमेज माना जाता है। यह जगह कई ट्रक चालकों और सेना के काफिले के लिए एक बहुत ही खास जगह है। यहां आगे के कठिन मार्ग की यात्रा करने से पहले प्रसिद्ध गुरुद्वारा साहिब के दर्शन करना शुभ माना जाता है।

7) धार्मिक स्थल शांति स्तूप-Shanti Stupa

शांति स्तूप लेह लद्दाख का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है जो एक बौद्ध सफेद गुंबद वाला स्तूप है। शांति स्तूप का निर्माण एक जापानी बौद्ध भिक्षु ग्योम्यो नाकामुरा द्वारा बनाया गया था और 14 वें दलाई लामा द्वारा खुद को विस्थापित किया गया था। यह स्तूप अपने आधार पर बुद्ध के अवशेष रखता है और यहां के आसपास के परिदृश्य का मनोरम दृश्य प्रदान करता है। शांति स्तूप को लेह में एक प्रमुख पर्यटन स्थल माना जाता है जो समुद्र तल से 4,267 मीटर की ऊंचाई और सड़क मार्ग से 5 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां वैकल्पिक रूप से आप लेह शहर से 500 सीढ़ियां चढ़कर स्तूप तक पहुंच सकते हैं।
 

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8) अद्भुद जगह खारदुंग ला पास – Khardung La Pass

खारदुंग ला पास को लद्दाख क्षेत्र में नुब्रा और श्योक घाटियों के प्रवेश द्वार के रूप में जाना जाता है। खारदुंग ला दर्रा, जिसे आमतौर पर खड़जोंग ला कहा जाता है, यह सियाचिन ग्लेशियर में एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्ट्रेटेजिक पास है जो 5,602 मीटर की ऊंचाई पर दुनिया के सबसे ऊँचे मोटर सक्षम पास होने का दावा करता है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता, हवा यह महसूस करवाती है जैसे कि आप दुनिया के शीर्ष पर हैं। पिछले कुछ सालों में खारदुंग ला पास लेह लद्दाख का एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन गया है।

9) दर्शनीय स्थल हेमिस मठ – Hemis Monastery

लेह शहर के प्रमुख पर्यटन और दर्शनीय स्थल में हेमिस मठ का नाम भी शामिल है जो 11 वीं शताब्दी से पहले अस्तित्व में है और इसको 1672 में फिर से स्थापित किया गया था। यह एक तिब्बती मठ है जो सबसे धनी है और लद्दाख में सबसे बड़ा है। हेमिस मठ लेह शहर से 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जो हर 12 साल में खुलता है। हेमिस मठ हर साल भगवान पद्मसंभव के सम्मान में आयोजित वार्षिक उत्सव की मेजबानी करता है। यह दुनिया में होने वाले आकर्षक उत्सवों में से एक है। आपको बता दें कि हेमिस लुप्तप्राय प्रजाति “शो तेंदुआ” का भी घर है, जो यहां स्थित हेमिस नेशनल पार्क में पाया जाता है।

10) स्टोक पैलेस – Stok Palace

स्टोक पैलेस सिंधु नदी के करीब स्थित लेह-लद्दाख में देखने की सबसे अच्छी जगहों में से एक है। इस महल को 1825 ईस्वी में राजा त्सेपाल तोंदुप नामग्याल द्वारा बनाया गया था। यह आकर्षक महल अपनी वास्तुकला, डिजाइन, सुंदर उद्यानों और अद्भुत दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। इसके साथ ही यह महल शाही पोशाक, मुकुट और अन्य शाही सामग्रियों के संग्रह का स्थान भी है। स्टोक पैलेस को देखने के लिए आप जीपों और साझा टैक्सियों के माध्यम से आसानी से पहुंच सकते हैं।

11) कारगिल – Kargil

कारगिल नियंत्रण रेखा के पास पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर के बाल्टिस्तान के पश्चिम और दक्षिण में कश्मीर घाटी के सामने पास स्थित है। सुरू, वाखा और द्रास घाटियों के साथ कारगिल जिले का हिस्सा है। कारगिल 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष में केंद्र था।

12) त्सो कर झील – Tso Kar Jheel

त्सो कर प्राकृतिक लद्दाख घाटी में एक उतार चढ़ाव वाली झील है जो सफेद झील के रूप में लोकप्रिय है और अपने समकक्षों त्सो मोरीरी और पैंगोंग त्सो के विपरीत यह सबसे शांत और तीनों में सबसे छोटी है। त्सो कर झील पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग के समान है क्योंकि यहां पर कई तरह के अद्भुद दलदली पक्षी पाए जाते हैं।

13) पैंगोंग झील की जुड़वां त्सो मोरीरी झील – Tso Moriri Jheel

त्सो मोरीरी झील पैंगोंग झील की जुड़वां झील है जो चांगटांग वन्यजीव अभयारण्य के अंदर स्थित है। बता दें कि यह झील यहां आने वाले पर्यटकों को सुंदर वातावरण और शांति प्रदान करती है। इस झील का जल निकाय उत्तर से दक्षिण तक लगभग 28 किमी और गहराई में लगभग 100 फीट है। बर्फ से ढके खूबसूरत पहाड़ों की पृष्ठभूमि के साथ आकर्षक त्सो मोरीरी झील बंजर पहाड़ियों से घिरी हुई है। वैसे लोग इस झील के बारे बहुत कम जानते हैं इसलिए यहां पर पर्यटकों की ज्यादा भीड़ नहीं होती। अगर आप लेह लद्दाख की यात्रा करने के लिए जा रहे हैं तो अपने पर्यटन स्थलों की सूचि में इस शांत झील का नाम जरुर शामिल अवश्य करें।