वजन घटाने के लिए कार्डियो एक्सरसाइज से जुड़े आम मिथक जिन पर न करें यकीन

वजन घटाने के लिए कार्डियो एक्सरसाइज से जुड़े आम मिथक जिन पर न करें यकीन

Weight Loss Tips: कार्डियोवैस्कुलर एक्सरसाइज बहुत ही अच्छा होता है। ये कुछ-कुछ ऐरोबिक की ही तरह है लेकिन इसके मिथकों पर आपको ध्यान देने की कतई जरूरत नहीं होती है। देखे वजन घटाने के टिप्स
जब वजन घटाने के लिए एक्सरसाइज करने की बात आती है, तो कार्डियो सबसे पसंदीदा होता है। ये फेमस वर्कआउट रूटीन में से एक है जिसे ज्यादातर लोग तब चुनते हैं जब वो अपना वजन घटाने की जर्नी शुरू करते हैं। कार्डियो या कार्डियोवैस्कुलर एक्सरसाइज एक तरह का एरोबिक एक्सरसाइज है जिसमें हमारे शरीर को ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन की जरूरत होती है।

हार्ट रेट और सांस के लेवल में बढ़ोत्तरी की वजह से, शरीर को ऑक्सीजन की जरूरत बढ़ जाती है जो हमारे फेफड़ों की जरूरत को पूरा करने के लिए ज्यादा हवा में सांस लेने के लिए मजबूर करती है। ये एक तरह की कार्डियोवस्कुलर कंडीशनिंग है जो आपके हार्ट, फेफड़े और सर्कुलेटरी सिस्टम को हेल्दी रखने में मदद करती है।
 

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सबसे महत्वपूर्ण बात, ऑक्सीजन की बढ़ी हुई जरूरत टन कैलोरी बर्न करने और किलो कम करने में मदद करती है। लेकिन वजन घटाने के लिए कार्डियो एक्सरसाइज (Cardio Exercise) से जुड़ी कई भ्रांतियां हैं जो इसके इफेक्टिवनेस को कम कर देती है। यहां कार्डियो से जुड़े 5 मिथक हैं जिन पर आपको भरोसा करना बंद कर देना चाहिए।

1) केवल कार्डियो पर ध्यान दें

Weight Loss के लिए कार्डियो निश्चित रूप से महत्वपूर्ण है, लेकिन ऐसा ही स्ट्रेन्थ ट्रेनिंग है। वेट लिफ्टिंग, जिसे स्ट्रेन्थ ट्रेनिंग के रूप में भी जाना जाता है, इफेक्टिव रूप से किलो कम करने के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण है। कसरत का ये रूप न केवल उन लोगों के लिए है जो मशल्स को बिल्ड करने की कोशिश कर रहे हैं बल्कि सभी के लिए फायदेमंद हैं।
 

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वजन उठाने से आपको आफ्टरबर्न मिलता है जो आपको आराम करते हुए भी कैलोरी बर्न करने में मदद करता है। ये हकीकत में, लीन मशल्स के निर्माण में मदद करता है, जो मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और तेजी से फैट को बर्न करता है। सप्ताह में दो बार 40 से 50 मिनट के लिए स्ट्रेन्थ ट्रेनिंग करना हर शख्स के लिए महत्वपूर्ण है।

2) पहले कार्डियो करें फिर वेट ट्रेनिंग

अगर आप पहले ट्रेडमिल से टकराते हैं और फिर वजन उठाने जाते हैं तो आपके चोटिल होने की संभावना ज्यादा होती है। इसके अलावा, आप अपने वेट लिफ्टिंग सेशन को पूरा करने के लिए एक इंटेंस कार्डियो सेशन के बाद पहले से ही थके हुए हो सकते हैं। यहां तक ​​कि गलत फॉर्म में चोटिल होने का खतरा भी ज्यादा होगा। उन्हें ऑप्शनल दिनों में करना बेहतर है। अगर आप इन्हें एक साथ करना चाहते हैं तो पहले वेट ट्रेनिंग और फिर कार्डियो करें।

3) खाली पेट कार्डियो करने से ज्यादा कैलोरी बर्न होती है

आप ज्यादा गलत नहीं हो सकते अगर आपको लगता है कि खाली पेट फुटपाथ पर जाने से आपको ज्यादा कैलोरी जलाने में मदद मिल सकती है। ये एक बेसिक कॉन्सेप्ट है कि बिना फुले के आपका शरीर लंबे समय तक काम नहीं कर सकता है। एक्सरसाइज के मामले में भी यही बात लागू होती है।
 

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अगर आप खाना नहीं खायेंगे तो आप अपना वर्कआउट खत्म नहीं कर पाएंगे और आसानी से थकान महसूस करेंगे। साथ ही सुबह लंबे समय तक फास्ट की स्थिति में रहने से आपका मेटाबॉलिज्म धीमा हो सकता है। इसलिए वर्कआउट से 30 मिनट पहले केला या नट्स जैसा कुछ खाएं।

4) सुबह का कार्डियो ज्यादा असरदार

एक्सरसाइज करने का कोई सही या गलत समय नहीं होता है, सबसे महत्वपूर्ण चीज है कंटीन्यूटी। अगर आप अपने वर्कआउट रूटीन में कंटीन्यूटी रखते हैं तो चाहे आप सुबह एक्सरसाइज करें या शाम को, आपको वही हेल्थ बेनेफिट्स मिलने वाले हैं अगर आप कंटीन्यू हैं और हर बार पर्याप्त मात्रा में दूरी तय करते हैं तो समय कोई मायने नहीं रखता। जब भी आपके पास समय हो आप कार्डियो कर सकते हैं।

5) ट्रेडमिल कार्डियो वर्कआउट करने का सबसे अच्छा तरीका है
 

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ट्रेडमिल पर दौड़ना, रोइंग, स्थिर साइकिलिंग, ब्रिस्क वॉकिंग आउटडोर, स्विमिंग और डांसिंग ये सभी कार्डियो वर्कआउट हैं। हर तरह की एक्सरसाइज के खास हेल्थ बेनेफिट्स होते हैं। वर्कआउट के लिए ट्रेडमिल ही एकमात्र इक्विपमेंट नहीं है। आप उनके फायदों को हासिल करने और बोरियत से बचने के लिए दूसरी तरह के कार्डियो को भी आजमा सकते हैं।