जानिए रोजाना कैसे और कौन तय करता है सोने के दाम

जानिए रोजाना कैसे और कौन तय करता है सोने के दाम

बाजार में आप जिस कीमत पर सोना ज्‍वैलर्स से खरीदते हैं, वह स्पॉट प्राइस यानी हाजिर भाव होता है. ज्यादातर शहरों के सर्राफा एसोसिएशन के सदस्य मिलकर बाजार खुलने के समय दाम तय करते हैं
पेट्रोल और डीजल (Petrol And Diesel) की कीमतों की तरह सोने की कीमत (Gold Rate) भी रोज बदलती है। क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? जब आप नींद ले रहे होते हैं, उस दौरान ऐसा क्या हो जाता है कि बाजार खुलने पर सोना महंगा या सस्ता हो जाता है? इस पर एक्सपर्ट्स जवाब देते हुए कहते हैं कि सोने की कीमत कई बातों पर निर्भर करती है। इनमें आर्थिक और पॉलिटिकल कारण सबसे अहम हैं। ये घरेलू और वैश्विक दोनों तरह के हो सकते हैं। जैसे अगर हमारे देश की सरकार ने सोने के इंपोर्ट (Gold Import) से जुड़ा कोई नया नियम लागू किया है तो इसका असर सोने की कीमत पर पड़ेगा। इसी तरह सोने का एक्सपोर्ट करने वाले देश में किसी साल उत्पादन घट जाता है तो इसका असर भी घरेलू बाजार (Domestic Market) में सोने की कीमत पर पड़ेगा। इसी तरह देश में या विदेश में ऐसे कई घटनाएं होती हैं, जिनका असर सोने की कीमत पर पड़ता है।

आइए जानें कैसे तय होती हैं सोने की कीमतें

- बाजार में आप जिस कीमत पर सोना ज्‍वैलर्स से खरीदते हैं, वह स्पॉट प्राइस यानी हाजिर भाव होता है। ज्यादातर शहरों के सर्राफा एसोसिएशन के सदस्य मिलकर बाजार खुलने के समय दाम तय करते हैं।

- एमसीएक्स वायदा बाजार में जो दाम आते हैं, उसमें वैट, लेवी एवं लागत जोड़कर दाम घोषित किए जाते हैं
 
- वहीं दाम पूरे दिन चलते हैं। यही वजह है कि अलग-अलग शहरों में सोने की कीमतें अलग-अलग होती हैं। इसके अलावा, स्‍पॉट मार्केट में सोने की कीमत शुद्धता के आधार पर तय होती है।

- 22 कैरेट और 24 कैरेट सोने की कीमत अलग-अलग होती है।

MCX पर कैसे तय होते हैं दाम-मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) भारतीय बाजार में सोने की मांग-आपूर्ति के आंकड़ों को जुटाकर और ग्लोबल मार्केट में मुद्रास्फीति की स्थिति को ध्यान में रखकर सोने की कीमतें तय करता है।

- साथ ही, यह संगठन लंदन स्थित लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन के साथ समन्वय करते हुए भी सोने की कीमत तय करता है। वायदा बाजार के भाव पूरे देश में एक से रहते हैं।
 
विदेश में कैसे तय होती हैं सोने की कीमतें-सोने की कीमतें कई फैक्टर से तय होती हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमतें तय करने के लिए लंदन में एक संचालन और प्रशासनिक इकाई है जो कि अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर काम करती है। पहली बार 1919 में सोने की कीमत फिक्स की गई थी।

- 2015 के पहले लंदन गोल्ड फिक्स सोने की नियामक इकाई थी जो कीमतें तय करती थीं लेकिन 20 मार्च 2015 के बाद एक नई इकाई लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (एलबीएमए) बनाई गई। इसे ICE प्रशासनिक बेंच मार्क चलाता है।

- ICE ने 1919 में बने लंदन गोल्ड फिक्स ईकाई का स्थान लिया है। यह संगठन दुनिया के तमाम देशों की सरकारों से जुड़े राष्ट्रीय स्तर के संगठनों के साथ मिलकर तय करता है कि सोने की कीमत क्या होनी चाहिए। लंदन के समय अनुसार दिन में दो बार सुबह 10:30 और शाम को 3 बजे सोने की कीमतें तय होती हैं।