ELSS vs PPF: कौन सा टैक्स सेविंग ऑप्शन आपके लिए सही है? यहां जानिए सबकुछ

ELSS vs PPF: कौन सा टैक्स सेविंग ऑप्शन आपके लिए सही है? यहां जानिए सबकुछ

ELSS vs PPF: जब टैक्स बचाने की बात आती है तो हम अक्सर समझ नहीं पाते कि पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund) यानि PPF चुनें या फिर इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम्स (ELSS) के जरिए शेयर बाजार में निवेश करें।
ELSS vs PPF: जब टैक्स बचाने की बात आती है तो हम अक्सर समझ नहीं पाते कि ट्रैडिश्नल पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund) यानि PPF चुनें या फिर इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम्स (ELSS) के जरिए शेयर बाजार में निवेश करें। आइये जानते हैं ये दोनों ELSS vs PPF Tax Saving schemes आपको क्या ऑफर करती हैं और कैसे चुनें अपने लिए बेहतर ऑप्शन.।

इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS)
 
ELSS क्या है:
 
यह एक डाइवर्सीफाइड और ओपन-एंडेड इक्विटी म्यूचुअल फंड है.
 
जोखिम:
 
यह एक ऊंचे जोखिम वाला निवेश है, क्योंकि पैसा इक्विटी में निवेश किया जाता है।
 
रिटर्न:
 
इसमें अलग अलग स्कीम्स में रिटर्न अलग होता है. पिछले तीन सालों में, ELSS योजनाओं ने लगभग 12% का औसत रिटर्न दिया है।
 
लॉक-इन पीरियड:
 
 3 साल पूरे होने से पहले पैसा नहीं निकाल सकते हैं, जिसकी गणना निवेश की तारीख से की जाती है।
 
टैक्स बेनिफिट्स:
 
आयकर (I-T) अधिनियम की धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपए की कटौती की अनुमति है. रिडेम्पशन पर, हर साल 1 लाख रुपए से ज्यादा का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन  इंडेक्सेशन के फायदे के बिना 10% की दर से टैक्स लगेगा।
 
क्या करें क्या ना करें:
 
 निवेश योजना शुरू करने से पहले, यह समझ लें कि लॉक-इन पीरियड की गणना आपकी पहली किस्त से नहीं की जाती है, बल्कि हर किस्त के लिए अलग से गणना की जाती है।
 
पब्लिक प्रोविडेंट फ़ाउंड (PPF)
 
PPF क्या है:
 
यह सरकारी लॉन्ग टर्म निवेश योजना है, जो आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत टैक्स छूट देती है।
 
निवेश की सीमा:
 
आप PPF में अधिकतम 1.5 लाख रुपए तक का निवेश कर सकते हैं. न्यूनतम निवेश 500 रुपए।
 
ब्याज:
 
फिलहाल PPF पर 7.1% (कम्पाउंडेड एन्यूली) ब्याज मिल रहा है. हर साल 1.5 लाख रुपए का निवेश 15 साल के अंत में 40.68 लाख रुपए का रिटर्न दे सकता है. 30 साल में यह राशि 1.5 करोड़ रुपए तक बढ़ जाएगी।
 
जोखिम:
 
यह सरकारी गारंटी वाली योजना है, इसलिए इसमें कोई जोखिम शामिल नहीं है।
 
लॉक-इन पीरियड:
 
PPF के लिए लॉक-इन पीरियड 15 साल है. 15 साल के बाद, मैच्योरिटी वैल्यू बरकरार रखी गई है, लेकिन आप आगे जमा नहीं कर सकते हैं. आप 5 साल के ब्लॉक में एक्सटेंशन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
 
विड्रॉल:
 
छह साल बाद कुछ शर्तों के साथ विड्रॉल की छूट है।
 
टैक्स बेनिफिट:
 
Public Provident fund ट्रिपल टैक्स के लाभ प्रदान करता है. धारा 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है, ब्याज भी टैक्स फ्री है। मैच्योरिटी वैल्यू पर भी कोई टैक्स नहीं होता।
 
क्या करें क्या ना करें:
 
अगर आप PPF में निवेश करना चाहते हैं, तो आपको इसे हर महीने की पांचवी तारीख से पहले करना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि ब्याज की गणना पांचवें और महीने के अंत में न्यूनतम शेष राशि पर की जाती है।